माॅं काली के उपासक श्री संतोषजी कहार ने बैचलर आफ आर्ट की डिग्री प्राप्त की । छोटी उम्र से ही अपने पिता से मंत्र साधना आरंभ कर दी । इस विद्या द्वारा आपने टाईफाईड, पिलिया, नजर दोष, किसी का किया-कराया जादू-टोना आदि से पीडित कई लोगो का निःशुल्क ईलाज किया और कर रहें हैं । इस बीच आपका रूझान ज्योतिष एवं वास्तु की ओर होने लगा और आपने महर्षि महेश योगी वैदिक विश्वविद्यालय जबलपुर से महर्षि ज्योतिष प्रमाण-पत्र प्राप्त कर गुरूजी पं. श्री अशोकजी त्रिपाठी (चित्रकूट उ.प्र.) के सानिघ्य में अध्ययन किया । आपके आध्यात्मिक गुरू भगवान श्री रामकृष्णदेव, ज्योतिष गुरू पं. श्री अशोकजी त्रिपाठी (चित्रकूट उ.प्र.), पूज्य पिता स्व.श्री शम्भूसिंह कहार (तांत्रिक गुरू) की कृपा, इष्टदेवी माॅं काली के आशिर्वाद एवं कई वर्षो के कठिन परिश्रम, गहरे अध्ययन एवं शोध के परिणाम से निर्मित हस्तलिखित जन्म पत्रिका ’’संजीवनी’’ है।
आप एक कुशल ज्योतिषी होने के साथ-साथ वास्तु में भी विषेषज्ञता है । भवन, भूमि, दुकान, मकान, कार्यालय आदि में वास्तु दोष को आप आसानी से बिना तोड-फोड के छोटे-छोटे उपायों से उसका निवारण कर देंते हैं । जिन जातको की जन्म कुंडली नही है और उनकी समस्याओं का निराकरण नही हो पा रहा है तो उनकी प्रश्न कुंडली बनाकर उनका सफलता पूर्वक निराकरण करने में भी संतोषजी को महारथ हासिल है।
आप अपने समग्र ज्ञान को सेवा भाव से जन-जन तक पंहुचाने का संकल्प लेतें है ताकि मनुष्य मात्र को दुःख, कष्ट और पीडा से मुक्ति मिले और वह आनन्दमय, सुखमय एवं समृद्ध जीवन जी सके ।
समस्या आपकी – समाधान हमारे
जिस प्रकार मनुष्य अपने स्वास्थ्य को लेकर कई प्रकार की पद्धति जैसे एलोपेथिक, हाॅम्योपेथिक, आयुर्वेद आदि के माध्यम से समाधान करवाता है उसी प्रकार ज्योतिष के माध्यम से आपकी समस्त सस्याओं का कारण और निवारण बताये जायेंगे । यदि आप निम्न समस्याओ से परेशान है और इनका त्वरित निदान चाहते हैं तो सम्पर्क करे । आपको आसान और सरल उपायो द्वारा आपकी समस्याओं का निदान दिया जाएगा ।
कुण्डली मिलान
किसी भी लडके या लडकी के लिए उसके वैवाहिक जीवन को सुदर तथा सफल बनाने के लिए उसकी जन्मपत्रिका का मिलान किया जाता है । जिससे यह ज्ञात होता है कि दोनो का वैवाहिक जीवन कैसा होगा, उनके जीवनसाथी के साथ अनुकूलता रहेगी अथवा नहीं । आदि की जानकारी प्राप्त करें ।
स्वास्थ्य
“पहला सुख निरोगी काया“ जी हाॅं, जीवन में यदि उत्तम स्वास्थ्य हो तो सारे सुख प्राप्त हो जाते है । आपके जीवन में भी कोई स्वास्थ्य को लेकर गंभीर समस्या अथवा कोई पुरानी बिमारी जिससे आप पीडित है तो उसका सटीक उपचार और समाधान प्राप्त करें । जिसमें आपको बताया जाएगा की किस ग्रह की वजह से पीडित है और उपाय में आप क्या करे, जैसे कौन सा रत्न धारण करे, किस ग्रह का उपाय करे , कौन से मंत्र का जाप करे, किस इष्ट की आराधना करे आदि ।
व्यवसाय
यदि व्यवसाय को लेकर समस्या है अथवा कोई नया व्यवसाय करना चाहते हैं तो आपके लिए कोैन सा व्यवसाय लाभदायक रहेगा । नया व्यवसाय प्रारंभ करने में कौन-कौन सी सावधानियां रखे, किस समय, और क्या उपाय किये जाये, जिससे आपके ग्राहको की संख्या में निरंतर बढोत्तरी हो ।
करियर
आप अपने करियर को लेकर परेशान है ? आप निर्णय नही ले पा रहें है ? अपना करियर प्रारंभ करने से पहले है उन अनजान चुनौतियों से परेशानी, करियर मे उतार-चढाव, किस क्षेत्र में अपना करियर तलाशना आदि के बारे में परामर्श के लिए सम्पर्क करे ।
शिक्षा
शिक्षा को लेकर आपके नक्षत्र क्या कहतें है, कोैन सा विषय आपके लिए उर्पयुक्त है , परामर्श करने केे लिए सम्पर्क करे । आप उन्ही विषयों का चुनाव करे, जो आपके अनुकूल हो, जिसको लेकर आप अपना करियर बना सकते हैं ।
फाईनेंशियल
जीवन मे फाईनेंशियल स्थिति केैसी होगी । यदि आपकी फाईनेंशियल स्थिति ठीक नही है तो आप सम्पर्क कर परामर्श ले सकते है कि क्या उपाय करें जिससे जीवन सुदर और आनन्दमय बन सकें ।
रत्न द्वारा समस्या और समाधान
रत्न और पत्थर ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों को दूर करने के लिए पहने जाते हैं क्योंकि उनके से निकलने वाली रष्मियाॅं आपके ग्रहों से मेल खाती है जो आपको सकारात्मक प्रभाव देती है । रत्नो में रासायनिक तत्व जैसे कार्बन, एल्यूमीनियम, जस्ता, टीन, तांबा, लोहा, मैगनीज आदि तत्व पाये जाते है । जो व्यक्ति के सम्पर्क में आपक उसकी पूर्ति करता है । धार्मिक मान्यता अनुसार रत्नो में दैविय गुण पाये जाते हैं । ज्योतिष नक्षत्रो एवं ग्रहों की गणनाओं के आधार पर किसी भी व्यक्ति के लिए उपयुक्त रत्न व पत्थर का पता लगाते है जो व्यक्ति के सम्पूर्ण विकास और उसके कल्याण में निहित होता है । हम आपको सबसे अच्छा और सटीक पत्थरों के साथ उनके सही वजन और पहनने की विधि एक व्यक्ति के वांछित गुणों को जगाने के लिए अनिवार्य है जो सफलता सुनिश्चित करते हैं। यह सटीकता काफी हद तक ज्योतिषी के तेज अवलोकन और अनुभव पर निर्भर करती है। हम उन रत्नों और पत्थरों को पहनने की सलाह/मार्गदर्शन देते है जोे किसी व्यक्ति के वांछित परिणामों को मजबूत या तेज करते हैं। इसके अतिरिक्त, हम सभी प्रकार के रत्न और पत्थर भी प्रदान करते हैं।
माणिक्य
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, माणिक्य सूर्य का प्रतिनिधित्व करता है। माणक Ruby यह रत्न गहरे लाल रंग से हल्के गुलाबी, सूर्ख, श्याम रंग में आता है। माणिक्य एक महंगा और कीमती रत्न है। यदि किसी की कुंडली में ग्रह सूर्य अच्छे परिणाम देता है, तो उसे आपकी कुंडली में ग्रह सूर्य की शक्ति बढ़ाने के लिए रूबी रत्न पहनना चाहिए।
मोती
मोती चन्द्रमा का रत्न है । अपनी सादगी, पवित्रता और कोमलता के लिए जाना जाता है। क्रोधी , उदास, चिंताग्रहस्त व्यक्ति मोती पहनकर लाभ उठा सकता है । यह लाल, गुलाबी, पीले रंग में भी मिलता है। वे समुद्री घोंघे के अंदर पाए जाते हैं। कांतियुक्त चिकना सफेद मोती उपलब्ध है ।
मूंगा
मूंगा मंगल ग्रह का रत्न है। मंगल ग्रह के दुष्प्रभाव को दूर करने के लिए मूंगा पहनाया जाता है । कारोबार बढाने, सेना, मिलिट्री, पुलिस आदि मे पदोन्नति में सहयोग के लिए लाल मूंगा चमत्कारिक लाभ देता है। लाल मूंगा को मूंगा Coral सिन्दूरी लाल रंग का होता है । लाल मूंगा त्रिकोना एवं केप्सूल दोनो में उपलब्ध है ।
पन्ना
पन्ना रत्न गहरे हरे रंग का होता है। यह ग्रह बुध के लिए रत्न है। इसे पन्ना रत्न, हरे पत्थर, पन्ना Emerald आदि के रूप में भी जाना जाता है। हरा रंग, भारी ( दडकदार ) स्निग्ध, लोचदार,चारों ओर किरणों को बिखेरने वाला सूर्य के समान स्वतः प्रकाश से प्रदीप्त । इसे हीरा और नीलम के बाद तीसरा सबसे सुंदर रत्न कहा जाता है।
पुखराज
पीला पुखराज एक बहुत ही सुंदर रत्न है। यह बृहस्पति ग्रह का रत्न है। धन सम्पत्ति, संतान और गृहस्थ जीवन को आनन्दीत बनाने के लिए पुखराज विशेष रूप से पहना जाता है । इसकी गुणवत्ता इसके वजन, रंग, शुद्धता और आदि पर निर्भर करती है। ये आमतौर पर हर रंग में उपलब्ध हैं। लेकिन पीला और सफेद ज्यादा प्रचलन में हैं ।
हीरा
हीरा सबसे सुंदर और शुभ रत्न है। यह चार प्रकार का होता है- सफेद, लाल, पीला और काला। यह शुक्र ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है। यह माना जाता है कि एक अच्छी तरह से काटा हुआ हीरा, सभी गुणों से संपन्न है और जो पानी पर तैर सकता है, वह रत्नों में सबसे अच्छा है। हीरा अत्यधिक मंहगा होने से इसके उपरत्नो को धारण किया जाता है ।
नीलम
शनि के दुष्प्रभावों को रोकने के लिए नीलम पहनना उचित है। नीलम Biue Sapphire इंद्रनील, नीलाश्मा, नीलरत्न, नीलमणि के नाम से जाना जाता है । नीलम डायमंड के बाद दूसरा सबसे खूबसूरत रत्न माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि यह नीलम ही एक ऐसा रत्न है जो शीघ्र ही कुछ घंटो में अपना असर दिखाता है ।
गोमेद
गेमेद रत्न राहू ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है। इसे गोमेद, गोमेदक, तापोमणि, पिंग स्फटिक के नाम से भी जाना जाता है। गोमेद आकर्षक, पारभासक तथा अपारदर्षक होता है जो दूर से स्वच्छ गोमूत्र अथवा अंगार के समान रंग का हो, वजनी कडकदार हो, जिसमें परत न हो, जो छूने पर कोमल और चमकदार हो, उत्तम जाति का गोमेद माना जाता है ।