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नीलम रत्न –

नीलम रत्न नीलम शनि ग्रह का रत्न है । जिन व्यक्तियों का जन्म कुंभ, मकर, मिथुन, कन्या, तुला तथा वृषभ लग्न में हुआ हो अथवा जन्म कुंडली में शनि शुभ भावों का स्वामी हो अथवा शुभ भावों में स्थित हो उसे नीलम पहनने से लाभ होता है । इसके विपरीत मेष, कर्क, सिंह, वृष्चिक, धनु तथा मीन लग्न हो और शनि जन्म कुंडली में छठवें तथा आठवें भाव में बैठा हो अथवा अपनी नीच राशि में स्थित हो, उसे नीलम पहनने से हानि हो सकती हैं ।
नीलम धारण करने से लाभ ज्योंतिष शास्त्र में शनि को न्यायाधीश माना गया है । अतः जो न्याय विभाग, नियम, कानून मे रूचि, जन-सेवक, नौकर, लोक प्रशासन से जुडे हुए हैं उन्हे नीलम धारण करने से लाभ होता है । एक्सीडेंट, चोंट, घर क्लेश, पैरो के रोग, संन्निपात, खांसी, घुटने के रोग, लम्बी बीमारियां होने पर किसी विद्धान ज्योतिषाचार्य से सलाह लेकर नीलम धारण करने से लाभ हो सकता है । समस्त रत्नो में नीलम ही एक ऐसा रत्न है जो कुछ घंटो में अपना असर दिखता है । यदि नीलम धारण करने के बाद किसी भी प्रकार का अनिष्ट लगे तो उसे तुरंत उतार देना चाहिए ।