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किस ग्रह की खराबी से होता है डायबीटिज रोग, क्या है इसके लक्षण जाने क्या है ज्योतिष में इसका ईलाज-

डायबीटिज-  मधुमेह अर्थात डायबीटिज (Sugar) यह रोग आजकल आम होता जा रहा है। पहले यह रोग अधिक आयु के बाद ही डायबिटीज जैसी बीमारियां हुआ करती थी। लेकर अब नुचित जीवन शैली और लाईफस्टाई के कारण कम उम्र बच्चें भी इसकी गिरफ्त में आते जा रहे है। मधुमेंह एक भयानक रोग होता है। यह व्यक्ति को बहुत ही कमजोर कर देता है। इसके लक्षणों में बार-बार पेषाब आना, प्यास एवं भूख अधिक लगना होना पाया गया है।  इसके शरीर में कम या अधिक होने से मृत्यु तक हो जाती है।

 क्यों होता है यह रोग- जिन जातकों की कुंडली में शुक्र व गुरु की अनुकूलता से होता है। जिन जातकों की कुंडली में शुक्र नीच का या अस्त अथवा कमजोर हो उनको इस रोग से पीडा की संभावना बड जाती है।

क्या है रोग से बचने का उपाय- इस रोग से मुक्ति के लिये आप शुक्रवार को स्नान वाले जल में पीसी हुई ईलायची डालकर स्नान करें। स्वच्छ एवं साफ सुथरे रहें तथा परफ्यूम या ईत्र का उपयोग करें। आप यदि शुक्र मंत्र-ओंम शुं शुक्राय नमः मत्र का जाप नियिमित करें तो और अधिक लाभ होगा। साथ ही गुरुवार को सरपंखा की जड़ को आमत्रित कर शुक्रवार को लाकर धारण करनी चाहिये। किसी विद्धान से सलाह लेकर अनामिका अंगुली में सफेद मूंगा व तर्जनी अंगुली में सफेद पुखराज धारण करना चाहिये।

क्या करेें/क्या नहीं करें- प्रतिदिन करीब आधा घण्टा पैदल घुमें। मीठी वस्तुओं के सेवन से बचें। भोजन में चावल, आलू, मक्का का सेवन नहीं करे। काले सिके चने, बादाम तथा इन्द्र जौ को समान मात्रा में लेकर उसका चूर्ण बनाकर भोजन के बाद एक चम्मच प्रतिदिन लेवें।